भारतिय समाज की दुर्दशा के जिम्मेदार

>> सोमवार, मार्च 14, 2011

भारत देश की वर्तमान दुर्दशा के जिम्मेदार हमारे देश (समाज) के तथाकथित महापुरुष हैँ जिन्होँने कभी सच को सच नहीँ कहा और गलत को गलत कहने का साहस भी हमारे इन महापुरुषोँ मेँ नहीँ था।मेरे विचार से पूर्ण दोष रहित और श्रेष्ठता के क्रम मेँ सबसे ऊपर सरदार भगत सिंह हैँ वह केवल एक जोशीले नौजवान ही नहीँ बल्कि गहन चिन्तन करने वाले विचारक भी थे, मात्र 23 वर्ष की उम्र मेँ 23मार्च 1931को फाँसी पर चढ़ने से पहले उन्होँने जितना भी साहित्य लिखा है जैसे कि "अछूत समस्या" और जेल मेँ रहते हुये 5अक्टूबर 1930 को लिखा गया "मैँ नास्तिक क्योँ हूँ" जिसे पढ़ कर कोई भी आस्तिक इस लेख मेँ दिये गये तर्कोँ का जवाब नहीँ दे सकता है।सभी व्यक्तियोँ को इस लेख को पढ़ना और विचार करना चाहिये लेकिन लोग तर्क नहीँ कुतर्क करते हैँ और अपने पुराने गलत विचारोँ को बदलने को तैयार नहीँ होते हैँ (शेष भाग अगली बार)14 मार्च 2011

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